हैदराबाद में लिवर कैंसर का बेस्ट इलाज
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लिवर कैंसर क्या है?
जब लिवर की कोशिकाएं डीएनए म्यूटेशन की वजह से असामान्य रूप से बढ़ने लगे, तब लिवर कैंसर कहलाती हैं। अगर डीएनए म्यूटेट करते हैं या उनमें कोई बदलाव होता है, तो कोशिकाएं अनियंत्रित होकर बढ़ने लगती हैं और ये कैंसर का रूप लेती हैं। प्राथमिक (प्राइमरी) लिवर कैंसर लिवर में ही शुरू होता है जबकि, सेकेंडरी लिवर कैंसर वे कैंसर होते हैं जो शरीर के बाकी हिस्सों को प्रभावित करते हुए लिवर तक फैलते हैं। हेपैटोसेलुलर कार्सिनोमा (Hepatocellular carcinoma) सबसे सामान्य रूप से देखने को मिलता है।
HCC और IHC (इंट्राहेपेटिक कोलेंजियोकार्सिनोमा) (Intrahepatic cholangiocarcinoma) औरतों की तुलना में आदमियों को ज़्यादा प्रभावित करते हैं। और यह 55 से 64 तक के उम्र के लोगों में पाया जाता है।
हैदराबाद में टाॅप लिवर कैंसर विशेषज्ञों की हमारी टीम
Dr. Amit Jotwani
CoFounder, CMO, Chief OncologistDr. Shikhar Kumar
Consultant Medical OncologistDr. Rakesh Shankar Goud
MBBS, DNB-Radiation OncologyDr. Abid Ali Mirza
Surgical OncologistDr. M A Suboor Shaheerose
Medical OncologistDr. Amit Jotwani
CoFounder,CMO,Chief Oncologist
MD (Radiotherapy), FHPRT, SBRT(Netherlands), AMPH
Dr. Shikhar Kumar
MD, DNB,DM – Medical oncology, ECMO
MD (Radiotherapy), FHPRT, SBRT(Netherlands), AMPH
Dr. Rakesh Shankar Goud
MBBS, DNB-Radiation Oncology
MD (Radiotherapy), FHPRT, SBRT(Netherlands), AMPH
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लिवर कैंसर के संकेत और लक्षण
लिवर कैंसर के संकेत और लक्षण
• थकावट
• जॉन्डिस (पीलिया जिसमें त्वचा और आंखें पीली हो जाती हैं)
• बिना कारण के वज़न घटना
• बढ़ा हुआ लिवर या स्प्लीन
• उल्टी और मतली
• गहरा रंग का पेशाब
• पसली की हड्डी के नीचे गांठ या पेट के दाहिनें तरफ दर्द जहां लिवर मौजूद होता है।
• पेट के ऊपर सूजन या दर्द
• भूख न लगना, थोड़ा खाना खाने पर भी पेट भरा हुआ महसूस होना
• सफेद या चौक जैसे मल (स्टूल)
वे लोग जिन्हें हेपेटाइटिस B या C का इंफेक्शन हुआ हो या फिर लिवर सिरोसिस हुआ हो वे स्क्रीनिंग के लिए जा सकते हैं। स्वस्थ आदमी अपने डॉक्टर से स्क्रीनिंग के फायदे और नुकसान की चर्चा करके ही स्क्रीनिंग कराए।
हैदराबाद में लिवर कैंसर के लिए डायग्नॉस्टिक टेस्ट
अल्ट्रासाउंड (सोनोग्राफी) – पेट की त्वचा पर अल्ट्रासाउंड मशीन की रॉड को घुमाया जाता है, जिससे लिवर में मौजूद कोई ट्यूमर दिख जाता है।
कम्प्यूटेड टोमोग्राफी (CT) स्कैन – CT स्कैन में एक्स-रे द्वारा लिवर की विस्तृत तस्वीरें निकाली जाती हैं। पेट के CT स्कैन से ट्यूमर का आकार और निश्चित स्थान पता चल जाता है।
मैग्नेटिक रेजोनेंस इमेजिंग (MRI) – यह रेडियो वेव्स द्वारा शरीर की साफ तस्वीरें लेता है और बताता है कि ट्यूमर कैंसर का रूप हैं या नहीं और अगर है, तो इनका फ़ैलाव आसपास की खून की वाहिकाओं और शरीर के बाकी हिस्सों तक कितना है।
एंजियोग्राफी – यह टेस्ट खून की वाहिकाओं को जांचने के लिए किया जाता है और उनकी सभी हरकतों का निरीक्षण करता है। साथ ही कोई ब्लॉकेज न हो इसको भी चेक करता है।
लिवर बायोप्सी – लिवर कैंसर की डायग्नोसिस का ये सबसे सटीक और सही तरीका है।
ब्लड टेस्ट/लिवर फंक्शन टेस्ट – यह टेस्ट सीरम बिलिरुबिन, सीरम एल्ब्यूमिन, प्रोटीन, लिवर एंजाइम्स और बाकी जरूरी पदार्थ जो लिवर के स्वास्थ और उसके कार्यशैली में मदद करते हैं उनकी मात्रा को जांचने के लिए किया जाता है।
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हैदराबाद में लिवर कैंसर के इलाज के लिए एडवांस ट्रीटमेंट
लिवर कैंसर के लिए सर्जरी – सर्जरी शुरुआती स्टेज चरण के लिवर कैंसर के लिए उपयुक्त है, जब ट्यूमर को सुरक्षित रूप से बाहर निकाल सकते हैं और लिवर अपना काम अच्छे से करता है।
सर्जरी दो तरीके से से की जाती है –
लिवर ट्रांसप्लांट – अगर पूरा लिवर कैंसर से प्रभावित हो चुका है, तो उसे हटा कर डोनर का लिवर लगाते हैं।
लिवर रिसेक्शन – इसे हिपेटेक्टमी भी कहते हैं। यह एक सर्जिकल प्रक्रिया है जिसमें मात्र कैंसर से प्रभावित क्षेत्र को ही हटाया जाता है। बाकी का लिवर सामान्य रूप से अपना काम करता है।
अगर सर्जरी संभव नहीं है तो डॉक्टर ट्यूमर को नष्ट करने के लिए थर्मल एब्लेशन, कीमोथेरेपी, रेडिएशन थेरेपी, इम्यूनोथेरेपी, प्रोटॉन बीम थेरेपी कराने का सुझाव देते हैं।
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हैदराबाद में लिवर कैंसर के इलाज का खर्च
हैदराबाद में लिवर कैंसर का खर्चा कई मुद्दों पर निर्भर करता है जैसे हॉस्पिटल की सुविधाएं, मेडिकल विशेषज्ञता, इलाज के पहले के खर्च (कंसल्टेशन ,ब्लड टेस्ट,स्कैन आदि), आपका कौन सा इलाज हो रहा है, इलाज के बाद का खर्च ( जिसमें डॉक्टर से समय-समय पर फॉलो अप करके सलाह लेना, टेस्ट, स्कैन और दवाईयां शामिल हैं)।
एक अनुमान से हैदराबाद में लिवर कैंसर के इलाज का खर्च 100000 से 300000 तक होता है। अगर आप अपने कैंसर के प्रकार और इलाज के हिसाब से अपना खर्च जानना चाहते हैं, तो हमें कॉल करें 8008575405 पर और हम आपको आपके खर्च का अनुमान बताने में मदद करेंगे।
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क्लिनिकल अनुभव और मरीजों की कहानियां
हमें ओंको कैंसर सेंटर के लिए पॉजिटिव प्रतिक्रियाएं सुनकर बहुत ही खुशी होती है।
यहां द्वारा सर्विस लेने वाले मरीजों ने अपना अनुभव शेयर किया है।
हैदराबाद में लिवर कैंसर के बारे में पूछे जाने वाले प्रश्न
सबसे मुख्य कारण लिवर की कोशिकाओं में डीएनए का म्यूटेशन है। पुराने हेपेटाइटिस इन्फेक्शन भी लिवर कैंसर के कारण हो सकते हैं। कभी कभी जिनमें किसी बीमारी के लक्षण नहीं होते हैं उन्हें भी लिवर कैंसर हो सकता है। इसलिए यह स्पष्ट नहीं है की लिवर कैंसर का कारण क्या है। लेकिन सेकेंडरी लिवर कैंसर मेटास्टेसिस के कारण हो सकते हैं जिसमें दूसरे अंगों के कैंसर फैल कर लिवर तक आ जाते हैं। फेफड़े, कोलोन आदि के कैंसर लिवर तक फैल सकते हैं।
लिवर कैंसर की डायग्नोसिस होने के बाद, डॉक्टर का अगला कदम होता है कैंसर की स्टेजिंग करना। स्टेजिंग का मकसद यह पता लगाने का है के कैंसर कितने हद तक फैलाव कर चुका है। हर स्टेज यह बताता है कि वह कितना गंभीर है और उसका सर्वश्रेष्ठ इलाज का क्या विकल्प है।
लिवर कैंसर स्टेज I से स्टेज IV तक होता है –
स्टेज I – लिवर में मात्र एक ट्यूमर होता है और कैंसर आसपास के लिम्फ नोड्स या अन्य अंगों तक नहीं फैला है। ये काफी शुरुआती चरण है जिसमें ट्यूमर पोर्टल वेन (लिवर की मुख्य नस) को प्रभावित नहीं करते हैं और ज्यादातर सर्जरी का सुझाव दिया जाता है।
स्टेज II – लिवर में एक या एक से अधिक ट्यूमर होते हैं लेकिन ये आसपास के लिम्फ नोड्स या अन्य अंगों तक नहीं पहुंचे होते हैं। ये भी शुरुआती चरण है जिसमें सर्जरी,लिवर ट्रांसप्लांट, रेडियो फ्रीक्वेंसी एब्लेशन का सुझाव दिया जाता है।
स्टेज III – लिवर में एक से अधिक बड़े ट्यूमर हो जाते हैं और ये लिवर की मुख्य नस को प्रभावित करते हैं लेकिन अब भी इनका फैलाव आसपास की लिम्फ़ नोड्स या अन्य अंगों तक नहीं होता है। यह एक तरह से बीच का चरण है जिसमें रीजनल थेरेपी जैसे इलाज का सुझाव दिया जाता है।
स्टेज IV – एक ट्यूमर या किसी भी नाप के कई ट्यूमर जिनका फैलाव आसपास के लिम्फ नोड्स और दूर के अंगो तक जैसे हड्डियां,फेफड़ा आदि तक हो चुका है। यह लिवर कैंसर का लेट या एडवांस स्टेज है जिसमें टारगेटेड थेरेपी को प्राथमिकता दी जाती है।
प्राइमरी लिवर कैंसर जो लिवर में ही होते हैं या लिवर के पित्त की नली (बाइल डक्ट) में होते हैं वे तेज़ी से फैलते हैं। सभी लिवर कैंसर में कोलांजियो कार्सिनोमा और एंजियो सार्कोमा तेज़ी से फैलते हैं और हिपेटो सेल्यूलर कार्सिनोमा जो कि सबसे सामान्य रूप से पाए जाने वाला लिवर कैंसर है वो धीमी गति से बढ़ता है। अगर लिवर इंफेक्टेड है तो कैंसर तेज़ी से फैलेगा। जब ये फैलते हैं तो आपको कुछ लक्षण महसूस होंगे जैसे थकावट, जौंडिस, बिना कारण वज़न घटना, बढ़ा हुआ लिवर या स्प्लीन, मितली और उल्टी, गहरे रंग का पेशाब, पसली की हड्डियों नीचे गांठ, पेट के ऊपर सूजन या दर्द, भूख न लगना, सफेद या चौक जैसे मल (स्टूल) आदि।
जैसे ही आप लिवर कैंसर से प्रभावित होते हैं, डॉक्टर की एक टीम आपके लिए सबसे उपयुक्त इलाज की तैयारी शुरू कर देती है। इस दौरान आपको कुछ दवाईयां दी जायेंगी जिससे कैंसर के लक्षण से आराम मिले और आगे के इलाज के लिए आपको तैयार किया जा सके। ट्रीटमेंट प्लान तैयार करने के बाद डॉक्टर आपसे संभावित परिणाम और इलाज के साइड इफेक्ट्स की चर्चा करेंगे। उसके बाद आप अपना निर्णय ले सकते हैं। अगर आपको ट्रीटमेंट प्लान से संतुष्टि नहीं है तो आप किसी अन्य डॉक्टर से इस पर राय ले सकते हैं। अन्यथा आप अपने डॉक्टर द्वारा दिए गए प्लान से अपना इलाज शुरू कर सकते हैं।
लिवर कैंसर शुरुआत में कुछ लक्षण दिखा भी सकते हैं और नहीं भी दिखा सकते हैं। लेकिन कुछ सामान्य लक्षण हैं जैसे बढ़ा हुआ लिवर या स्प्लीन,बिना कारण वज़न घटना, भूख न लगना, मितली उल्टी,पेट दर्द, आंख और त्वचा का पीलापन। अगर आपको पहले कभी लिवर का कोई इंफेक्शन या लिवर सिरोसिस हुई है तो ऊपर दिए गए लक्षण दिखाई देने पर तुरंत अपना परीक्षण कराएं।
लिवर कैंसर का इलाज पुराने पद्धति की कीमोथेरेपी नहीं है लेकिन इसने कई मरीजों का जीवन लंबा जीने में उनकी मदद की है। एक अलग तरीके की कीमोथेरेपी ने लिवर कैंसर को ठीक करने में भूमिका निभाई है जिसे हेपेटिक आर्टरी इन्फ्यूजन (HAI) कहते हैं। इस प्रक्रिया में कीमो की दवाइयों को हेपेटिक आर्टरी (लिवर को खून पहुंचाने वाली मुख्य ब्लड वेसल) में कैथेटर द्वारा डालते हैं और ट्यूमर तक पहुंचाते हैं। कुछ मरीजों को यह तरीका असुविधाजनक लग सकता है।
शुरूआती चरण के मरीज़ के जीने की संभावना काफ़ी अधिक रहती है और ये 5 साल तक या उससे लंबा जीवन भी जी सकते हैं। एडवांस या मेटास्टेटिक चरण के लिवर कैंसर में मरीज़ आधुनिक तकनीक और इलाज से 5 साल तक की संभावित उम्र जी सकता है। सबसे अच्छे इलाज और स्वस्थ जीवनशैली के साथ जीवन स्वस्थ और लंबा जिया जा सकता है।
हेपेटाइटिस B & C के साथ पुराने लंबे समय तक चलने वाले लिवर के इंफेक्शन इसके मुख्य कारण हैं। ये इन्फेक्शन ही लिवर सिरोसिस का रूप लेते हैं जो आखिरी में कैंसर में तब्दील हो जाते हैं। शराब का सेवन करने वालों में यह खतरा और भी ज्यादा रहता है। हेपटाइटिस की वैक्सीन और हेपेटाइटिस के कई अन्य इलाज उपलब्ध हैं जिनसे लिवर को खराब होने से बचाया जा सकता है।यह इन्फेक्शन एक इंसान से दूसरे इंसान को भी हो सकता है और इंफेक्टेड माता पिता से बच्चे तक भी जा सकता है। लिवर कैंसर के अन्य कारण में बिलियरी सिरोसिस (बायिल डक्ट का खराब होना) , शराब या तंबाकू का सेवन करना, मोटापा, टाइप 2 डायबिटीज, और अन्य लिवर के रोग हैं।
लगभग सभी लक्षण आदमी या औरत दोनो में एक जैसे ही होते हैं जैसे थकावट,जौंडिस (पीलिया जिसमें त्वचा और आंखें पीली हो जाती हैं)बिना कारण के वज़न घटना, बढ़ा हुआ लिवर या स्प्लीन, उल्टी और मितली, गहरा रंग का पेशाब,पसली की हड्डी के नीचे गांठ या पेट के दाहिनें तरफ दर्द जहां लिवर मौजूद होता है, पेट के ऊपर सूजन या दर्द, भूख न लगना या थोड़ा सा खाने पर ही पेट भरने का आभास होना, और सफेद या चौक जैसे मल (स्टूल)। इन लक्षणों का यह मतलब नहीं है के ये लिवर कैंसर ही हैं क्योंकि ये और भी किसी बीमारी के लक्षण हो सकते हैं। अगर इनमे से कोई लक्षण आपको महसूस होते हैं तो अपने डॉक्टर से संपर्क करें और अपने लिवर की जांच कराएं।
लिवर हमारे शरीर का एक अभिन्न महत्वपूर्ण अंग है जिसका काम खाने को पचाने के लिए बाईल बनाना है, शरीर में ताकत के लिए एनर्जी लाता है, एनर्जी के लिए पोषक तत्वों की प्रोसेसिंग और इकट्ठा करके एनर्जी देता है, इंटेस्टाइन से निकलने वाले खून को इकट्ठा करके फ़िल्टर करता है, क्लॉट फैक्टर बनाता है जो खून के थक्के जमाने में मदद करता है आदि। इसलिए जब आपको लिवर कैंसर होता है तो आपकी शरीर के इन सब कामों में बाधा आती है और आपका वजन कम होगा,थकावट लगने लगेगी आदि जैसे लक्षण महसूस होंगे।
दर्द लिवर कैंसर का एक सामान्य लक्षण है। सामान्यतः पेट के ऊपर दाहिनें तरफ की पसली की हड्डियों के नीचे, दाएं कंधे के पास दर्द होगा। कभी कभी ये दर्द घूम कर पीछे की तरफ भी चला जाता है। लिवर कैंसर में दर्द ट्यूमर से हो सकता है जिसमें बढ़ा हुआ लिवर डायाफ्राम के नीचे की नसों पर दबाव डालता है, या लिवर सिरोसिस से भी हो सकता है। अपने डॉक्टर को दर्द का स्थान और तीव्रता बताएं और उसका सही इलाज करवाएं।
लिवर कैंसर का पूरे तरीके से खत्म हो जाना उसके स्टेज पर, मरीज़ के स्वास्थ्य और उम्र पर निर्भर करता है। शुरूआती चरण के लिवर कैंसर को ठीक किया जा सकता है और इसे दुबारा होने से रोका जा सकता है। हालांकि एडवांस स्टेज के कैंसर को ठीक करने में दिक्कत आ सकती है,तब भी कई आधुनिक तकनीकें और इलाज उपलब्ध हैं। सफल लिवर ट्रांसप्लांट शुरुआती चरण के लिवर कैंसर को पूरे तरीके से ठीक कर सकता है लेकिन सभी मरीज में ट्रांसप्लांट नहीं किया जा सकता।
आपके डॉक्टर आपको कुछ ज़रूरी टेस्ट करने का सुझाव देंगे जिसमें जरूरत के हिसाब से इमेजिंग स्कैन, खून की जांच, लिवर फंक्शन टेस्ट,और बायोप्सी भी करवाई जा सकती है।
ज्यादातर मामलों में इससे ज्यादा टेस्ट की ज़रूरत नहीं होती है। लेकिन अगर आप अपने ट्रीटमेंट प्लान से संतुष्ट नहीं हैं तो आप किसी अन्य कैंसर स्पेशलिस्ट से दूसरी राय ले सकते हैं।
आपके डॉक्टर आपसे इलाज के पहले की तैयारी की चर्चा करेंगे। अगर आप किसी अन्य बीमारी के लिए कोई और दवाई ले रहे हैं तो डॉक्टर इनको बंद करने की सलाह दे सकते हैं। अपने डॉक्टर से इलाज के पहले क्या लेना है और क्या नहीं लेना है इसकी एक लिस्ट बनवा लें।
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